Kapil Dev Biography
Kapil Dev Biography: Kapil Dev, one of India’s most iconic cricketers, was born on January 6, 1959, in Chandigarh, India. He is celebrated for his remarkable achievements both as a cricketer and as a captain.
भारत के सबसे प्रतिष्ठित क्रिकेटरों में से एक कपिल देव का जन्म 6 जनवरी 1959 को चंडीगढ़, भारत में हुआ था। एक क्रिकेटर और एक कप्तान दोनों के रूप में उनकी उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए उन्हें मनाया जाता है।
Early Life
Kapil Dev’s interest in cricket began during his school days. His talent was spotted early, and he trained rigorously to hone his skills. He started his professional career playing for Haryana in domestic cricket.
प्रारंभिक जीवन
कपिल देव की क्रिकेट में रुचि उनके स्कूल के दिनों से ही शुरू हो गई थी। उनकी प्रतिभा को पहले ही पहचान लिया गया था और उन्होंने अपने कौशल को निखारने के लिए कठोर प्रशिक्षण लिया। उन्होंने अपने पेशेवर करियर की शुरुआत घरेलू क्रिकेट में हरियाणा के लिए खेलते हुए की।
International Career
Kapil Dev made his debut for the Indian cricket team in 1978. He was known for his exceptional all-round abilities, excelling as a fast bowler and a powerful lower-order batsman. He played a significant role in numerous victories for India, both with the ball and the bat.
अंतर्राष्ट्रीय करियर
कपिल देव ने 1978 में भारतीय क्रिकेट टीम के लिए पदार्पण किया। वह अपनी असाधारण हरफनमौला क्षमताओं, एक तेज गेंदबाज और एक शक्तिशाली निचले क्रम के बल्लेबाज के रूप में जाने जाते थे। उन्होंने गेंद और बल्ले दोनों से भारत की कई जीतों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
Kapil Dev
1983 World Cup
Kapil Dev’s surmount achievement was leading the Indian cricket team to victory in the 1983 Cricket World Cup. Under his captaincy, India defeated the mighty West Indies in the final, marking a historic moment in Indian cricket history.
1983 विश्व कप
कपिल देव की सबसे बड़ी उपलब्धि भारतीय क्रिकेट टीम को 1983 क्रिकेट विश्व कप में जीत दिलाना थी। उनकी कप्तानी में भारत ने फाइनल में शक्तिशाली वेस्टइंडीज को हराया, जो भारतीय क्रिकेट इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण था।
Captaincy
Kapil Dev captained the Indian cricket team for a significant period, guiding the team through several victories and notable performances.
कप्तानी
कपिल देव ने एक महत्वपूर्ण अवधि के लिए भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तानी की, कई जीत और उल्लेखनीय प्रदर्शन के माध्यम से टीम का मार्गदर्शन किया।
Records and Achievements
He held the record for the most Test wickets taken by any bowler at the time of his retirement, ending his career with 434 wickets in Test matches. He was also the first player to achieve the rare feat of 5,000 runs and 400 wickets in Test cricket.
रिकॉर्ड और उपलब्धियां
उन्होंने अपनी सेवानिवृत्ति के समय किसी भी गेंदबाज द्वारा लिए गए सबसे अधिक टेस्ट विकेट का रिकॉर्ड बनाया, टेस्ट मैचों में 434 विकेट के साथ अपना करियर समाप्त किया। वह टेस्ट क्रिकेट में 5,000 रन और 400 विकेट की दुर्लभ उपलब्धि हासिल करने वाले पहले खिलाड़ी भी थे।
Kapil Dev Biography In Hindi
Retirement and Post-Cricket Career
He retired from international cricket in 1994. Post-retirement, he has been involved in various capacities in the cricketing world, including coaching and commentary. He’s also been active in promoting the sport and various charitable initiatives.
सेवानिवृत्ति और पोस्ट-क्रिकेट कैरियर
उन्होंने 1994 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया। सेवानिवृत्ति के बाद, वह कोचिंग और कमेंट्री सहित क्रिकेट जगत में विभिन्न क्षमताओं में शामिल रहे हैं। वह खेल और विभिन्न धर्मार्थ पहलों को बढ़ावा देने में भी सक्रिय रहे हैं।
Honors and Recognition
Kapil Dev has been honored with several awards, including the Padma Bhushan, India’s third-highest civilian award, in recognition of his contributions to cricket.
सम्मान और मान्यता
क्रिकेट में उनके योगदान के लिए कपिल देव को भारत के तीसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।
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